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प्रश्न.1 उच्च आर्थिक विकास के साथ ही देश में बढ़ती बेरोजगारी के क्या कारण है ?वर्तमान में इसे कम करने हेतु क्या प्रयास किए जा रहे है ?
UPSC और RAS Mains उत्तर लेखन के लिए कुछ महत्वपूर्ण टैग्स निम्नलिखित हैं: 1. Introduction: उत्तर की शुरुआत में विषय का संक्षिप्त परिचय दें। 2. Body:
Background: विषय का ऐतिहासिक या सैद्धांतिक संदर्भ। Current Scenario: वर्तमान स्थिति और प्रासंगिक घटनाएँ। Analysis: विभिन्न दृष्टिकोणों से विषय का विश्लेषण।
Examples: वास्तविक जीवन के उदाहरण और केस स्टडी।
3. Conclusion: संक्षिप्त निष्कर्ष और भविष्य के लिए सुझाव।
UPSC और RAS Mains उत्तर लेखन के लिए कुछ उपयोगी टिप्स:
संरचना: उत्तर को स्पष्ट और संगठित रखें।
समय प्रबंधन: प्रत्येक उत्तर के लिए समय निर्धारित करें।
प्रासंगिकता: केवल प्रासंगिक जानकारी शामिल करें।
भाषा: सरल और स्पष्ट भाषा का प्रयोग करें।
पुनरावलोकन: उत्तर लिखने के बाद उसे पुनः पढ़ें और सुधारें।
मायावी नौकरियाँ: भारतीय श्रम बाजार की चुनौतियाँ |
परिचय
हाल ही में जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण ने भारत में श्रम बाजार की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण नौकरियों की कमी को लेकर चिंता बनी हुई है।
श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि
सर्वेक्षण के अनुसार, श्रम बल भागीदारी दर (15 वर्ष और अधिक) 2017-18 में 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 60.1 प्रतिशत हो गई है। इस वृद्धि का ज्यादातर हिस्सा महिला भागीदारी में तेज वृद्धि के कारण है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। हालांकि, वेतनभोगी रोजगार में लगी महिलाओं की हिस्सेदारी में गिरावट आई है और अधिक महिलाएं स्वरोजगार में लगी हैं।
अनौपचारिक फर्मों में श्रम शक्ति
श्रम शक्ति का एक बड़ा हिस्सा अनौपचारिक फर्मों में कार्यरत है। 2023-24 में अनौपचारिक उद्यमों (स्वामित्व और साझेदारी) में लगे श्रमिकों का प्रतिशत 73.2 प्रतिशत था। यह 2017-18 में 68.2 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
कृषि और विनिर्माण क्षेत्र में श्रम बल
कृषि में लगे श्रम बल का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है, जबकि विनिर्माण में लगे श्रम बल का हिस्सा लगभग स्थिर बना हुआ है। 2017-18 में, 44.1 प्रतिशत श्रमिक कृषि क्षेत्र में कार्यरत थे, जो 2023-24 तक बढ़कर 46.1 प्रतिशत हो गया था। दूसरी ओर, विनिर्माण में लगे श्रम बल का हिस्सा लगभग वही बना हुआ है।
बेरोजगारी दर में गिरावट
बेरोजगारी दर (15 वर्ष और उससे अधिक) 2017-18 में 6 प्रतिशत से गिरकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है। हालांकि, अधिक शिक्षित लोगों में बेरोजगारी दर अधिक है, विशेषकर माध्यमिक और उससे ऊपर की शिक्षा वाले लोगों में।
निष्कर्ष
श्रम बाजार के आंकड़े भारत के सामने प्रमुख विकास चुनौती को पुष्ट करते हैं - अधिक लाभकारी एवं उत्पादक रोजगार अवसरों का पर्याप्त सृजन। इस चुनौती का समाधान करना अधिक कठिन होता जा रहा है और इसे नीतिगत एजेंडे में सबसे आगे रखा जाना चाहिए।
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