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नसीराबाद का विद्रोह - 28 मई, 1857
नसीराबाद छावनी सर आक्टरलोनी ने अपने खिताब 'नासिरउद्दौला' के नाम पर स्थापित की थी। मेरठ में हुए विद्रोह की सूचना राजस्थान के ए. जी. जी. (एजेन्ट गवर्नर जनरल) जार्ज पैट्रिक लारेन्स को 19 मई 1857 ई. को प्राप्त हुई। उस समय अजमेर में 15वीं बंगाल नेटिव इन्फैन्ट्री तैनात थी, जो उन्हीं दिनों मेरठ से बुलाई गई थी। इसके अतिरिक्त 30वीं बंगाल नैटिव इन्फेन्ट्री तथा फर्स्ट बम्बई लांसर्स के सैनिक भी नसीराबाद में तैनात थे।
मेरठ (उतरप्रदेश) में सैनिक विद्रोह की खबर मिलते ही 28 मई, 1857 को दिन के 3 बजे नसीराबाद की 15वीं नेटिव इन्फैन्ट्री के सैनिकों ने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध विद्रोह का झण्डा खड़ा कर दिया। अंग्रेज मेजर पिचाई ने नसीराबाद छावनी में मौजूद सिपाहियों को बागियों के विरुद्ध कार्यवाही करने का आदेश दिया किंतु सैनिकों ने यह आदेश मानने से इन्कार कर दिया। केवल बम्बई लांसर्स अंग्रेजों की वफादार रही।इन विद्रोहियों ने कर्नल न्यूबरी व मेजर स्पोटिसवुड को मार डाला, और 18 जून को यह क्रांतिकारी दिल्ली पुहँच गए
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1➤ 1857 की क्रांति के दौरान, निम्न में से किसके द्वारा मुगल बादशाह को निष्ठा का प्रतीक, नजर, भेंट की गई? [स्कूल व्याख्याता (Coach)-20.10.2022]
2➤ 1857 की क्रांति के समय धौलपुर का शासक था- [VDO 09.07.2022]
3➤ किस छावनी के सैनिक दस्तों ने 21 अगस्त, 1857 को 'चलो दिल्ली-मारो फिरंगी' नारे के साथ बगावत की [पटवार-23.10.2021 ]
4➤ 1857 की क्रांति के समय कोटा में प्रमुख नेता जयदयाल तथा मेहराब खाँ क्रमशः कहाँ के निवासी थे- [JEN (विद्युत) डिप्लोमा -29.11.2020]
5➤ 1857 की क्रांति के दौरान डूंगरपुर के शासक कौन था?[ARO-27.8.2022] [वनरक्षक- 13.12.2022 )
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