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किशोर न्याय ( बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015
Lesson - 10
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महिला एवं बाल अपराध |
यदि घरेलु हिंसा की कोई सूचना किसी पुलिस अधिकारी या संरक्षण अधिकारी या मजिस्ट्रेट को दी गयी है तो उनके द्वारा पीड़िता को जानकारी देनी होगी कि :
- उसे संरक्षण पाने का
- सेवा प्रदाता की सेवा पाने का
- संरक्षण अधिकारी की सेवा की उपलब्धता
- मुफ्त विधिक सहायता प्राप्त करने का
- परिवाद-पात्र दाखिल करने का अधिकार प्राप्त है। संज्ञेय अपराध के लिए पुलिस को कार्यवाई करने से यह प्रावधान नहीं रोक सकता।
- अपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 में महिला अपराध की सुनवाई बंद करने तथा कार्यवाही की वीडियोग्राफी करने का भी प्रावधान किया गया है। इस कानून में महिलाओं के विरुद्ध अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले पुलिस कर्मियों को दण्डित करने का भी प्रावधान है।
- अगर कोई पीड़ित महिला पुलिस के पास आती है, तो पुलिस को उसके साथ सहजता, संवेदनशीलता एवं गंभीरता से बात-व्यवहार करना चाहिए।
- महिला सम्बंधित अपराध की स्थिति में केवल महिला पुलिस अधिकारी द्वारा ही महिला को गिरफ्तार किया जा सकता है।
- बलात्कार के प्रकरणों में अन्वेषण दल मे महिला पुलिस अधिकारी / कर्मचारी को सम्मिलित किया जाकर विशेषकर पीडिता के बयान इनके द्वारा लेखबद्ध किया जावे। पीडिता के बयान उसके निवास पर या उसके इच्छित स्थान पर लिया जावे।
- महिला परिवादी व गवाहान् को यथासंभव थाने पर नहीं बुलाया जावे और सूर्यास्त के पश्चात् व सूर्योदय के पूर्व किसी भी परिस्थिति में इन्हें थाने पर नहीं बुलाया जावे।
- महिला सम्बंधित अपराध की स्थिति में बिना महिला पुलिस कांस्टेबल की उपस्थिति में, किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद एवं सुबह 6 बजे से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
- महिला अपराध होने की स्थिति में, उसकी शिकायत महिला थाने में दर्ज की जानी चाहिए ।
- महिला अपराध होने की स्थिति में महिला देश के किसी भी थाने में शिकायत दर्ज करा सकती है।
बच्चों से सम्बंधित अपराधों में दिए गए उच्च एवं सर्वोच्च्य न्यायालय द्वारा कुछ महत्तवपूर्ण आदेशों की झलकियाँ :-
यूनियन ऑफ इंडिया बनाम इंडिपेंडेंट थॉट, 11 अक्टूबर, 2017 में सर्वोच्चयय. अदालत के एक फैसले के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा, किसी भी महिला के साथ उसकी मर्जी हो या न हो, शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किया जाता है (चाहे वह उसकी पत्नी ही क्यों न हो) जो 18 वर्ष से कम है, चाहे वो विवाहिता हो या अविवाहिता, उसे बलात्कार माना जायेगा।
बचपन बचाओ आन्दोलन की एक याचिका पर सर्वोच्य न्यायलय ने एक महत्तवपूर्ण फैसले में सभी राज्य सरकारों एवं केंद्र को आदेश दिया है कि गुमशुदगी के मामले को संभावित अपराध मानते हुए प्राथमिकी दर्ज की जाए।
बच्चों की गुमशुदगी के मामले में अब तक कोई कानून नहीं था, किन्तु न्यायलय ने गुमशुदगी को परिभाषित करते हुए इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने के आदेश दिए हैं [इसी प्रकार अपराधिक न्याय कानून में किये गए संशोधन में न केवल बाल तस्करी को परिभाषित किया गया, बल्कि इस अपराध के लिए कठोर दंड के प्रावधान भी शामिल किये गए [इससे पूर्व बाल यौन अपराध रोकथाम के लिए कानून बनाया गया, जिसके तहत बच्चों के साथ होने वाले सभी अपराधों के लिए कठोर सजा के प्रावधान रखे गए हैं ।
विद्यालयों में बालकों के साथ होने वाले कुछ हिंसा एवं दुर्वयाहरः
बच्चों के साथ दुर्वयाहार और हिंसा के मुद्दे हमारे आसपास मौजूद हैं, और अक्सर ऐसे स्थानों में देखे जा सकते हैं जो बच्चों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं जैसे कि दृ स्कूलों, घरों, रिश्तेदारों या आवासीय संस्थानों में वर्तमान स्थिति में स्कूलों में बच्चों के प्रति हिंसा बढती ही जा रही है। आये दिन स्कूलों में बच्चों के साथ घटित होने वाली घटनाओं से सम्बंधित खबरें सुनने अथवा देखने को मिलती हैं [स्कूलों में बच्चों के साथ कुछ निम्नलिखित हिंसा संभावित हैं जिनके कुछ रूप हमें व्यापक मीडिया कवरेज में भी मिलते हैं, जैसे-
- रैगिंग/ छेड़खानी
- स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सम्बंधित मुद्दों के प्रति अनभिज्ञता/ ध्यान न देना
- विद्यालय का बुनियादी ढांचा बच्चों के अनुकूल न होना
- भेदभाव (जाति, आर्थिक, रंग, वर्ग आदि के आधार पर) दुर्व्यवहार (शोषण / हिंसा)
- बच्चों को सजा
- शिक्षण में लापरवाही
- बच्चों से सम्बंधित प्रक्रियाओं में बच्चों की भागीदारी न होना
- बाल संरक्षण हेतु जारी राजकीय दिशा निर्देशों का पालन न होना ,/ अनदेखी
- अभिभावकों की भागीदारी सतही तौर पर होना। बच्चों के हितों से जुड़े मुद्दों के निर्णय में उनकी भागीदारी न होना ।
बच्चों एवं महिलाओं के साथ में होने वाले ज्यादातर अपराध घर, आस-पास, सार्वजनिक स्थलों या स्कूलों में होते हैं ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि सामुदायिक स्तर पर बाल एवं महिला संरक्षण विषय पर जागरूकता को बढ़ावा मिले । फलस्वरूप समुदाय ऐसे तत्त्वों पर कड़ी निगाह रख सके एवं इस दिशा में पुलिस का योगदान आवश्यक है । बाल एवं महिला संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान पुलिस लगातार प्रयासरत है और अपनी दक्षता को निखारकर बेहद ही संवेदनशील तरीके से बच्चों एवं महिलाओं के लिए एवं उनके साथ सदैव कार्यरत है।
ये हुई, बाल एवं महिला संरक्षण से सम्बंधित कुछ जानकारियाँ, परन्तु केवल जानकारियाँ ही पर्याप्त नहीं होती, बल्कि जानकारियों के क्रियान्वयन के लिए, समुचित योजना और व्यापक समझ एवं जन सहभागिता भी आवश्यक है कोई भी जानकारी तब तक असरदार नहीं होती, जब तक उसे उपयोग में न लाया जाए और उन्हें उपयोग में लाने से पहले उसे सही प्रकार से समझ न ली जाए अगर हमें बच्चों एवं महिलाओं के लिए भय-मुक्त, सुरक्षित एवं मैत्री-पूर्ण वातावारण का निर्माण करना है तो हम सबको साथ मिलकर इसके प्रति खुद भी ध्यान देना पड़ेगा तथा दूसरों को भी जागरूक करना पड़ेगा।
इसी विषय को ध्यान में रखते हुए, नीचे कुछ प्रश्न नमूने के तौर पर दिए गए हैं, जिनका उत्तर देकर हम बच्चों एवं महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।
Today Quiz :-
"S" आकार का महासागरीय कटक है?
- प्रिंस एडवर्ड कटक
- मध्य अटलाण्टिक कटक
- सोकोत्रा कटक
- पूर्वी प्रशान्त कटक
वन्दे भारत मिशन" संबंधित है?
- चन्द्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने से
- कोविड महामारी के दौरान विदेशों में फँसे भारतियों को वापिस लाने लें
- बुजुर्ग महिलाओं को गुजारा भत्ता देने से
- समस्त सिनेमाघरों में वंदे मातरम् गाने को अनविर्य बनाने से
"अभंग" का तात्पर्य है ?
- महाराष्ट्र धर्म के संतों द्वारा पहने गए वस्त्र
- विठोबा को समर्पित भक्ति काव्य
- भर्क्ति संतों के आवास
- निर्गुण संतों का साहित्य
"भंयकर पचासा” पवनें सम्बंधित है?
- उप्ण कटिबंघीय चक्रवातों से
- ध्रुवीय पवनों से
- व्यापारिक पवनों से
- पछुवा पवनों से
निम्तलिखित में से कौन सा (स्थाकृति-अवस्थिति) सही सुमेलित नहीं है ?
- भोराठ पठार - कुम्मलगढ़ से गोगुन्द
- भाकर - पूर्वी सिरोही
- गिरवा - उदयपुर
- रामगढ़ पहाड़ी - राजसमंद
Check Answer -
- सही उत्तर मध्य अटलाण्टिक कटक है।
- सही उत्तर कोविड महामारी के दौरान विदेशों में फँसे भारतियों को वापिस लाने लें है।
- सही उत्तर विठोबा को समर्पित भक्ति काव्य है ।
- सही उत्तर पछुवा पवनों से है।
- सही उत्तर रामगढ़ पहाड़ी - राजसमंद है।
आज आपने क्या सीखा
- किशोर न्याय ( बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के बारें में हैं।
- आपने जाना की विशेष किशोर पुलिस इकाई व बाल संरक्षण पुलिस का कार्यो के बारे में ।
आप कमेंट कर बता सकते हैं कि आपको पोस्ट कैसी लगी साथ ही आप का कोई क्वेश्चन हो हो तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं तो मिलते हैं नेक्स्ट पोस्ट में धन्यवाद फॉर रीडिंग माय पोस्ट ।
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