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इंद्र के पर्यायवाची शब्द
इंद्र के पर्यायवाची शब्द |
इंद्र का अर्थ
एक देवता जो स्वर्ग तथा देवताओं के अधिपति माने जाते हैं।
इंद्र के पर्यायवाची
देवेन्द्र | देवराज | देवेश | सुरपति |
---|---|---|---|
सुरेश | वासव | बृत्रहा/वृत्रहा | शचीपति |
पुरंदर | सहस्राक्ष | शक्र | शतऋतु |
शतक्रतु | अलकेश | जीमूतवाहन | मधोन |
जंभारी | मघवा |
शचीपति - शची के पति के होने के कारण शचीपति कह लाये।
देवराज - देवताओं के राजा होने के कारण देवराज कह लाये।
देवेश - देवों के ईश(राजा) होने के कारण देवेश कह लाये।
देवेन्द्र - देवताओं के इंद्र होने के कारण देवेंद्र कह लाये।
देवेश - देवों के ईश(राजा) होने के कारण देवेश कह लाये।
देवेन्द्र - देवताओं के इंद्र होने के कारण देवेंद्र कह लाये।
सुरेश - सुर(देवता) के ईश होने के कारण सुरेश कह लाये।
सुरपति - सुर(देवता) के पति होने के कारण सुरपति कह लाये।
पुरंदर - पुर(नगर/घर) को तोड़ने के कारण पुरंदर कह लाये।
उदहारण - जिन्होंने शत्रु का नगर तोड़ा था।
अलकेश - अलका नगरी के ईश (राजा) होने के कारण अलकेश कह लाये।
जंभारी - जंभ नाम के राक्षस के आरी( शत्रु) होने के कारण जंभारी कह लाये।
जीमूतवाहन - जीमूत का अर्थ बादल या मेघ होता है अतः जिसका वाहन बादल हो जीमूतवाहन कहलाए । इसीलिए इन्द्र को वर्षा का देवता कहा है।
शक्र - चमकता हुआ धनुुष होने के कारण शक्र कह लाये।
शतक्रतु - शत (सौ) यज्ञ किये होने के कारण शतक्रतु कह लाये।
शतऋतु - जो ऋतुुचक्र लाता हैैै या जिस कारण ऋतु संंभव हो, होने के कारण शतऋतु कह लाये।
वासव - पूर्वदिशा जिसका अधिपति इंद्र है। वसु संबंधित।
मघवा - मेघ से संबंधित, इंद्र।
सहस्राक्ष - जिसके सहस्र(हजार) अक्ष(आंखे) हो।
बृत्रहा/वृत्रहा -
वृत्रासुर को मारनेवाले, इंद्र
पुरन्दर राजा बरस रहे है....
घनघोर बदर आज गरज रहे है....
जो रहे थे पानी को तरस..
वो धरतीपुत्र आज हरख रहे है..
हे बृत्रहा कुछ और बरस लो..
बिना क्षति के धर तर कर दो...
अम्बुपिपासु धरणी वारि ईप्सित
आज सरोवर पूर्ण तुम भर दो..
अमृत बिना हमने कई कष्ट सहे है.
आज पुरन्दर राजा बरस रहे है..!
By - विक्रम सिंह लेटा।
मधोन - यह संस्कृत से आया शब्द है जिसका अर्थ सम्बोधन से जिस का आह्वान किया जाता है।
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